Sunday 15 June 2014

इंसानियत कि मिसाल - वेट्रेस के इलाज़ के लिए मालिक ने बेच दिया अपना एक मात्र रेस्टोरेंट

सभी धर्मों में दीन-दुःखी कि सेवा व मदद को सबसे बड़ा काम बताया गया है हालाकि यह बात अलग है कि हम में से अधिकतर इस पर अमल नहीं करते है।  लेकिन संसार के हर हिस्से में समय समय पर कुछ ऐसी घटनाए घटती रहती है जो यह बताती है कि इंसानियत अभी जिन्दा है। जो यह प्रमाणित करती  है कि आज के इस यांत्रिक युग में जहा अधिसंख्यक लोगो कि दिल भी यांत्रिक हो गए है, जो कि बिना किसी सवेंदना के 24  घंटे धड़कते रहते है, वही कुछ लोग ऐसे भी है जो दूसरों कि दुःख तकलीफ से खुद भी दुखी हो जाते है और उस व्यक्ति के दुःख को दूर करने के लिए यथा सम्भव मदद भी करते है।  आज हम आपको हाल ही में घटी एक ऐसी ही घटना के बारे में बताएँगे जिसमे एक रेस्टोरेंट मालिक ने अपने यहाँ काम करने वाली एक वेट्रेस के इलाज़ के लिए अपना एक मात्र रेस्टोरेंट ही बेच दिया। 


Brittany Mathis and Michael De Beyer 

शायद आपको इस बात पर विश्वास नहीं हो पर यह हकीकत है।  मानवता भरा यह कारनामा किया है अमेरिका के टेक्सास स्थित कैसहोफ रेस्टोरेंट के मालिक माइकल डे बेयर ने, जिसने कि अपने रेस्टोरेंट में काम करने वाली 19 साल कि वेट्रेस ब्रिटनी मैथिस के ब्रेन ट्यूमर के इलाज़ के लिए अपना रेस्टोरेंट बेच दिया है। 


Kaiserhof Restaurant 

डॉक्टरों ने ब्रिटनी मैथिस को ब्रेन ट्यूमर की बीमारी तब डाइग्नोस की थीजब वह अपने पैर पर हुई ददौरी को दिखाने पहुंची थी। मैथिस ने बताया कि जब वह हॉस्पिटल गई तो डॉक्टरों पाया कि यह रक्त का जमाव है। डॉक्टरों ने उसका सीटी स्कैन और एमआरआई करवाया। इसके बाद अगले दिन जब वह फिर अस्पताल पहुंची तो उन्होंने मैथिस को बताया कि उसे ट्यूमर हुआ है। डॉक्टरों ने उसे बताया कि इस बीमारी के इलाज़ में  बहुत खर्चा आएगा। 19 साल की मैथिस के पास न तो कोई हेल्थ इंश्योरेंस था और ना ही कोई अन्य बीमा।मैथिस ने जब यह समस्या अपने बॉस माइकल के सामने रखा तोउन्होंने 6000 वर्गफीट में फैले अपने रेस्टोरेंट को बेचने का फैसला किया।


मैथिस ने बताया कि उसने ऐसा कभी नहीं सोचा था कि उसके लिए कोई ऐसा भी कर सकता है। वह मेरे लिए इतना कर रहे हैं यह मेरे लिए सच में बहुत बड़ी खुशी है। दूसरी तरफ माइकल का कहना है कि हमारे यहां काम करने वाले सभी लोग  एक परिवार के सदस्य की तरह हैं। इसलिय उनकी हर दुःख तकलीफ में साथ देना मेरा दायित्व है। तो आज के ज़माने में जहा धन दौलत के लिए भाई - भाई का दुश्मन बन जाता है यह घटना हम सब के लिए प्रेरणा दायक है। 

Other Interesting Stories :-

No comments:

Post a Comment