इतिहास में ऐसी बहुत सी दुर्घटनाये हुई है जिसमे जिन्दा बचे लोगो को जिन्दा रहने के लिए बहुत ही विपरीत परिस्थ्तियों का सामना करना पड़ा हैं। ऐसा ही एक हादसा 1972 में एंडीज (Andes) के बर्फीले पहाड़ों में हुआ था। जिसमे जिन्दा बचे लोगो को उन बर्फीले पहाड़ों में बिना भोजन के 72 दिनों तक रहना पड़ा था। अपने घायल साथियो को अपनी आखो के सामने मरते देखना पड़ा था। यहाँ तक कि जिन्दा रहने के लिए अपने ही साथियो कि लाशों को खाना पड़ा था। इतिहास में ये दुर्घटना 1972 एंडीज फ्लाइट डिजास्टर (1972 Andes flight disaster) या मिरेकल ऑफ़ एंडीज (Miracle of the Andes) के नाम से प्रसिद्ध है। ये दुर्घटना उस फ्लाइट में सवार उरुग्वे के ओल्ड क्रिश्चियन क्लब की रग्बी टीम (Old Christians Club rugby union team) के उन दो खिलाड़ियो के हौसले के लिए भी जानी जाती हैं जिन्होंने एक सच्चे खिलाड़ी की तरह अंत तक हार न मानने वाले जज्बे को दिखाते हुए न सिर्फ खुद मौत को मात दी बल्कि 14 लोगों की जिंदगी भी बचा ली थी।
वहीं इस हादसे में अपनी मां और बहन को खोकर 16 लोगों की जान बचाने वाले पैरोडा (Nando Parrado) अब उरुग्वे की मशहूर टेलीविजन हस्ती हैं। हादसे के 72 दिनों बाद 16 लोगों का बचना भी किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा था। पैरोडो ने इस पूरे हादसे और अपने संघर्ष को एक किताब की शक्ल भी दी है।
Group photo of Old Christians Club rugby union team
यह दर्दनाक हादसा हुआ था 13 अक्टूबर 1972 को और इसका शिकार हुई थी उरुग्वे के ओल्ड क्रिश्चियन क्लब की रग्बी टीम। टीम चिली के सैंटियागो में मैच खेलने जा रही थी।
उरुग्वे एयरफोर्स का प्लेन टीम के खिलाड़ियों व अधिकारियों के साथ उनके परिवार व मित्रों को लेकर एंडीज पर्वत के ऊपर से गुजर रहा था। प्लेन में कुल 45 लोग सवार थे।
उरुग्वे एयरफोर्स का प्लेन टीम के खिलाड़ियों व अधिकारियों के साथ उनके परिवार व मित्रों को लेकर एंडीज पर्वत के ऊपर से गुजर रहा था। प्लेन में कुल 45 लोग सवार थे।
Old Christians Club rugby union team in plane
उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही मौसम खराब होने लगा था। एंडीज के सफ़ेद बर्फीले पहाड़ों में पायलट को कुछ नज़र नहीं आ रहा था। मौसम खराब था और पायलट को संभावित खतरा नजर आने लगा था।
करीब 14 हजार फीट की ऊंचाई पर पायलट अपनी पोजीशन मिसजज कर गया और एक ही पल में एयरक्राफ्ट एंडीज पर्वत की एक चोटी से टकरा गया। जो एयरक्राफ्ट कुछ देर पहले हवा से बातें कर रहा था दूसरे ही पल धू-ध कर जलता एंडीज पर्वत में गुम हो गया।
करीब 14 हजार फीट की ऊंचाई पर पायलट अपनी पोजीशन मिसजज कर गया और एक ही पल में एयरक्राफ्ट एंडीज पर्वत की एक चोटी से टकरा गया। जो एयरक्राफ्ट कुछ देर पहले हवा से बातें कर रहा था दूसरे ही पल धू-ध कर जलता एंडीज पर्वत में गुम हो गया।
इस भयावह हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई। बाकी 27 लोग जैसे तैसे बच तो गए लेकिन एंडीज की हाड़ कपकपा देने वाली बर्फ के बीच जिंदगी उनके लिए मौत से बदतर साबित हो रही थी। न खाने को कुछ और दूर-दूर तक सिर्फ बर्फ ही बर्फ।
हादसे की जानकारी मिलते ही उरुग्वे की सरकार ने सक्रियता दिखाई और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया लेकिन प्लेन का रंग सफेद होने के कारण बर्फ से ढके सफेद एंडीज पर उसे ढूँढना घास के ढेर में सुई ढूंढे के बराबर था। लगातार 10 दिनों तक असफलता हाथ लगने पर 11 वे दिन रेस्क्यू ऑपरेशन बंद कर दिया गया। क्योकि सबका मानना था कि एंडीज के विषम मौसम में बिना खाना पानी के किसी का भी इतने दिनों तक जिन्दा रहना मुमकिन नहीं हैं।
उधर दूसरी तरफ बचे हुए 27 लोगो में से कुछ घायल लोग और मर गए। बाकी बचे लोगो ने अपने पास उपलब्ध भोजन को छोटे छोटे हिस्सों में बाट दिया ताकि वो ज्याद दिन तक चल सके। पानी कि कमी को दूर करने के लिए उन्होंने प्लेन में से एक ऐसे मेटल के टुकड़े को निकाला जो कि धूप में बहुत जल्दी गर्म हो सके। फिर उस पर बर्फ रख कर उसे पिघला कर पानी इकठ्ठा करने लगे। इससे उनकी पानी कि समस्या तो बिलकुल हल हो गयी, पर कुछ ही दिनों में भोजन समाप्त हो गया। जब अंत में कोई रास्ता नहीं दिखा तो इन लोगों ने अपने साथियों की लाश के टुकड़े कर ही खाना शुरू कर दिया।
एक झटके में आई मौत से बचे ये लोग अब असहनीय अंत की ओर बढ़ रहे थे।केवल 16 लोग ही अब जीवित बचे थे, हादसे के 60 दिन बीत चुके थे। मदद की कोई उम्मीद दिखाई नहीं दी तो इस बदनसीबों में शामिल दो खिलाड़ियों नैन्डो पैरेडो (Nando Parrado) और रॉबटरे केनेसा (Robert Canessa) ने सोचा कि यहाँ पड़े पड़े मरने से अच्छा है मदद कि तलाश में निकला जाए, हांलाकि ये बहुत ही मुश्किल काम था। 60 दिनों के अंदर दोनों का शारीर कमजोर हो चूका था, बर्फ़ पर ट्रैकिंग करने के लिए उनके पास पर्याप्त साधन नहीं थे। लेकिन दोनों खिलाड़ी थे और खिलाड़ियों के अंदर अंत तक हार नहीं मानने का जज्बा होता हैं। यही जज्बा उन दोनों खिलाड़ियो के काम आया और उन्होंने उन्ही विपरीत परिस्थतियो में मदद कि खोज के लिए ट्रैकिंग शरू कर दी।
Nando Parrado and Robert Canessa
पैरेडो और केनेसा ने गजब का साहस दिखाते हुए 12 दिनों तक ट्रैकिंग की। अंत तक हार न मानने का एक खिलाड़ी वाला जज्बा दोनों के काम आया और आखिर दोनों एंडीज पर्वत को हराते हुए चिली के आबादी वाले क्षेत्र तक पहुंच गए जहां दोनों ने रेस्क्यू टीम को अपने साथियों की लोकेशन बताई।
इस तरह इन दोनों खिलाड़ियों ने तो जिंदगी की जंग जीत ही ली साथ ही अपने साथियों के लिए भी ये वरदान साबित हुए।
इस तरह इन दोनों खिलाड़ियों ने तो जिंदगी की जंग जीत ही ली साथ ही अपने साथियों के लिए भी ये वरदान साबित हुए।
इस पूरे हादसे में हीरो बनकर सामने आए उस रोबटरे केनेसा (Robert Canessa) उस समय रग्बी खिलाड़ी के साथ मेडिकल स्टूडेंट भी थे। अब यह खिलाड़ी जिदंगी की जंग जीत मशहूर डॉक्टर बन चुका है।
Robert Canessa
Miracle In The Andes by Nando Parrado
इस भयावह घटना पर पियर्स पॉल रीड ने 1974 में एक किताब अलाइव (Alive) लिखी थी जिस पर 1993 में निर्देशक फ्रेंक मार्शल ने फिल्म भी बनाई थी।
करीब दस साल पहले डॉ केनेसा ने इस घटना में बचे दो अन्य साथियों के साथ एंडीज पर पहुंच कर मौत को मात देने के अपने कारनामे का जश्न मनाया था।
हादसे में बचे लोग सालों बाद एक साथ हुए तो इस तरह दिया पोज
Maine aapko aphle bhi email kiya tha. Aap mere blog ki copy kar rahe hai . Yah sahi nahi hai, Please remove all my article from this blog .
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