टॉप मोस्ट हॉन्टेड प्लेसेस ऑफ़ इंडिया पार्ट 1 में हमने आपको भारत के 10 भूतिया, शापित स्थानों के बारे में बताया था अब इसके पार्ट 2 में पढ़िये 10 ऐसे अन्य स्थानो के बारे में -
11. ग्रांड पैराडी टावर - मुंबई (Grand Paradi Tower - Mumbai) :
11. ग्रांड पैराडी टावर - मुंबई (Grand Paradi Tower - Mumbai) :
ग्रांड पैराडी टावर को मुंबई की सबसे हॉन्टेड बिल्डिंग माना जाता है। 1976
में इसके निर्माण के बाद से 20 लोग इस इमारत की आठवी मंज़िल से कूद कर
आत्महत्या कर चुके है जिसमे बच्चो से लेकर बुजुर्ग तक शामिल है। इसलिए इसे
सुसाइड प्वांइट भी कहा जाता है। शुरू में तो सुसाइड काफी अंतराल से हुए
इसलिए लोगो ने ध्यान नहीं दिया, पर 2004 एक बुजुर्ग दम्पति ने यहाँ से कूद
कर आत्महत्या कर ली। उसके एक साल के भीतर उनके परिवार के बाकी सदस्यों ने
भी उसी जगह से कूदकर आत्महत्या कर ली। इनमे उनके छोटे -छोटे पोते पोती भी
शामिल थे। इसके बाद यह बिल्डिंग सुर्ख़ियो में आई और माना जाने लगा की इस
ईमारत में पारलौकिक शक्तियों का बसेरा है।
12. ताज महल पैलेस होटल - मुंबई (Taj Mahal Palace Hotel - Mumbai) :
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13. शनीवार वाडा फोर्ट -पुणे, महाराष्ट्र (Shaniwar Wada Fort - Pune, Maharashtra) :
महाराष्ट्र के पुणे में स्तिथ शनीवार वाडा फोर्ट का निर्माण 1732 में हुआ
था। यह मराठा साम्राज्य पर शासन करने वाले पेशवाओं का राजमहल था। इसी महल
में 30 अगस्त 1773 की रात को 18 साल के नारायण राव, जो की महज़ 16 साल की
उम्र में मराठा साम्राज्य के पांचवे पेशवा बने थे, की षड्यंत्र
पूर्वक ह्त्या कर दी गई थी। कहते है की जब हत्यारे उसकी ह्त्या करने आये तो
वो अपने काका के कक्ष की ओर "Kaka Mall Vachva" (Uncle Save Me) कहते हुए
दौड़ लगाई। लेकिन काका के कक्ष तक पहुँचने से पहले ही रास्ते में उसकी
ह्त्या कर दी गई। ह्त्या के बाद उसके शव को छोटे छोटे टुकड़ो में काटकर महल
से बाहर ले जा कर नदी में बहा दिया गया । कहते है की महल में उसी
लड़के नारायण राव की आत्मा आज भी भटकती है और उसके द्वारा बोले गए आखरी
शब्द "काका माला बचाव" आज भी महल में सुनाई देते है।
आखिर क्यों और कैसे की गई एक युवा पेशवा की ह्त्या ? जानने के लिए पढ़िए यहां
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आखिर क्यों और कैसे की गई एक युवा पेशवा की ह्त्या ? जानने के लिए पढ़िए यहां
14. राज किरण होटल - लोनावला, मुंबई (Raj Kiran Hotel - Lonavala, Mumbai) :
इस होटल के एक कमरे को असाधारण गतिविधियों का केंद्र माना गया है। कई बार उस कमरे में ठहरने वाले व्यक्ति को देर रात अकारण टहलते हुए देखा गया है। पूछने पर पता चलता है कि कोई ताकत उससे ऐसा करवाती है। पीडि़त व्यक्ति यह भी कहता है कि इस दौरान उसे अपने पैर पर नीली रोशनी दिखाई देती है। कई लोगो को कहना है की जाब वो रात को सोते है तो कोई उनकी बैडशीट खीच लेता है। कई पैरानॉर्मल एक्सपर्ट इस कमरे की जांच कर यहाँ पर पारलौकिक ताकतों की पुष्टि कर चुके है। इस के बाद होटल के इस कमरे को किराये पर देना बंद कर दिया गया है।
इस होटल के एक कमरे को असाधारण गतिविधियों का केंद्र माना गया है। कई बार उस कमरे में ठहरने वाले व्यक्ति को देर रात अकारण टहलते हुए देखा गया है। पूछने पर पता चलता है कि कोई ताकत उससे ऐसा करवाती है। पीडि़त व्यक्ति यह भी कहता है कि इस दौरान उसे अपने पैर पर नीली रोशनी दिखाई देती है। कई लोगो को कहना है की जाब वो रात को सोते है तो कोई उनकी बैडशीट खीच लेता है। कई पैरानॉर्मल एक्सपर्ट इस कमरे की जांच कर यहाँ पर पारलौकिक ताकतों की पुष्टि कर चुके है। इस के बाद होटल के इस कमरे को किराये पर देना बंद कर दिया गया है।
15. स्वॉय होटल - मसूरी (Savoy Hotel - Mussoorie) :
इस होटल का निर्माण 1902 में हुआ था। इस होटल में गार्नेट नाम की एक महिला की मौत हो गई थी जिसे की उसकी दवाई में ज़हर मिलाकर मारा गया था। इस काम को किसने अंजाम दिया इसका पता नहीं चल पाया था। माना जाता है कि यही महिला अपने कातिल को अब तक तलाश कर रही है। यह लोगों को परेशान नहीं करती, लेकिन इसका हाव-भाव शून्य चेहरा ही डराने के लिए काफी है। मशहूर मिस्टीरियस नॉवलिस्ट 'अगाथा क्रिस्टी' ने इसी घटना को आधार बना कर अपना पहला नॉवल 'Mysterious Affair at Styles (1920)' लिखा था।
इस होटल का निर्माण 1902 में हुआ था। इस होटल में गार्नेट नाम की एक महिला की मौत हो गई थी जिसे की उसकी दवाई में ज़हर मिलाकर मारा गया था। इस काम को किसने अंजाम दिया इसका पता नहीं चल पाया था। माना जाता है कि यही महिला अपने कातिल को अब तक तलाश कर रही है। यह लोगों को परेशान नहीं करती, लेकिन इसका हाव-भाव शून्य चेहरा ही डराने के लिए काफी है। मशहूर मिस्टीरियस नॉवलिस्ट 'अगाथा क्रिस्टी' ने इसी घटना को आधार बना कर अपना पहला नॉवल 'Mysterious Affair at Styles (1920)' लिखा था।
Delhi Cantonment जिसे कि सामान्यतया Delhi Cant कहा जाता है कि स्थापना
ब्रिटिश - इंडियन आर्मी ने कि थी। यह पूरा इलाका एक छोटे से जंगल की तरह
दिखाई देता है जिसमे चारो तरफ हरे भरे पेड़ो है। कहा जाता है कि दिल्ली
केंट में सफेद लिबाज पहने एक महिला लोगों से लिफ्ट मांगती है। अगर आप आगे
निकल जाते हैं तो यह महिला कार के जितना तेज भाग कर पीछा करती है। बहुत से
लोगो ने उसको देखे जाने की पुष्टि की है। हालांकि आज तक किसी इंसान को
नुक्सान पहुचाने की कोई खबर नहीं है। लोगो का कहना है शायद से किसी महिला
ट्रेवलर की आत्मा है जिसकी मृत्यु इसी इलाके में हुई हो।
17. मालचा महल - दिल्ली (Malcha Mahal - Delhi) :
मालचा महल दिल्ली के दक्षिण रिज़ के बीहड़ो में छुपा है। इसका निर्माण आज
से 700 साल पहले फ़िरोज़ शाह तुगलक ने करवाया था। वो इसे अपनी शिकारगाह के
रूप इस्तमाल करते थे। यह महल पिछले कई सदियों से वीरान रहने के कारण
खंडहर हो चुका था। इस खंडहर हो चुके महल में 1985 में, अवध घराने की बेगम
विलायत महल अपने दो बच्चो, पांच नौकरो और 12 कुत्तो के साथ रहने आई। इस महल
में आये बाद वो कभी इस महल से बाहर नहीं निकली। इसी महल में बेगम विलायत
खान ने 10 सितम्बर 1993 को आत्महत्या कर ली थी। कहते है की बेगम की रूह आज
भी उसी महल में भटकती है।
आखिर क्यों एक राजघराने की बेगम को रहने के लिए एक खंडहर में आना पड़ा ? जानने के लिए पढ़िए यहाँ
आखिर क्यों एक राजघराने की बेगम को रहने के लिए एक खंडहर में आना पड़ा ? जानने के लिए पढ़िए यहाँ
18. लोथियन कब्रिस्तान - कश्मीरी गेट, दिल्ली ( Lothian Cemetery - Kashmiri Gate, Delhi) :
पुरानी दिल्ली में कश्मीरी गेट के पास स्तिथ यह कब्रिस्तान 200 साल से अधिक पुराना है। 1857 के विद्रोह के दौरान इसमें कई लोगों की कब्र बनाई गई थी। माना जाता है कि इसमें एक अंग्रेज सैनिक सर निकोलस की रूह भटकती है, जो एक भारतीय महिला से प्रेम करता था लेकिन अपनी प्रेमिका द्वारा ठुकराए जाने पर उसने अपना सिर काट लिया था और तब से हर अमावस्या के दिन उस सिपाही का भूत इस स्थान पर टहलता नजर आता है।
पुरानी दिल्ली में कश्मीरी गेट के पास स्तिथ यह कब्रिस्तान 200 साल से अधिक पुराना है। 1857 के विद्रोह के दौरान इसमें कई लोगों की कब्र बनाई गई थी। माना जाता है कि इसमें एक अंग्रेज सैनिक सर निकोलस की रूह भटकती है, जो एक भारतीय महिला से प्रेम करता था लेकिन अपनी प्रेमिका द्वारा ठुकराए जाने पर उसने अपना सिर काट लिया था और तब से हर अमावस्या के दिन उस सिपाही का भूत इस स्थान पर टहलता नजर आता है।
19. टॉवर ऑफ साइलेंस - मालाबार हिल, मुंबई (Tower of silence - Malabar hills, Mumbai ) :
पूरे विश्व ये अपने तरह का एक मात्र ऐसा खास इलाका है जहां के खौफनाक मंजर केवल भूतीया अनुभवों तक ही सीमित नहीं है बल्कि उससे काफी बढ़कर हैं। यहां तो दिन में ही एक से बढ़कर एक खौफनाक मंजर आपको देखने को मिल जाएंगे।टॉवर ऑफ साइलेंस दरअसल पारसी कब्रिस्तान है। यहां पारसी समुदाय के लोग अपने मृत जनों का अंतिम संस्कार करते हैं।पारसी समुदाय अपने मृतकों के शव को न जलाते हैं, न दफनाते हैं बल्कि यही लाकर खुले में छोड़ जाते हैं गिद्धों और अन्य मांस भक्षी पक्षियों के लिए......और ये ही यहां से जुड़े सबसे बड़ी खौफ की वजह भी है।यहां पर अगर कोई दिन में जाने की गलती कर भी ले तो रात में तो कतई यहां कोई जाने की न हिमाकत कर सकता है ,यहां अक्सर सफेद कपडो़ं में एक बेहद हसीन किशोरी देखी जाती है जो रात के वक्त यहां से गुजरने वालों से लिफ्ट मांगती है। इसके अलावा एक पारसी परिवार की आत्माओं को देखे जाने का भी दावा किया जाता है जो इसी जगह एक कार एक्सीडेंट में मारे गए थे। वे भी आते-जाते लोगों को अक्सर दिख जाते हैं। वे लोगों को गाड़ी खराब होने के बहाने से अपनी ओर आकर्षित करते हैं और मदद की अपील करते हैं। ये दोनों ही आत्माओं ने यहां से गुजरने वाले कुछ लोगों को नुक्सान भी पहुंचाया जिसके बाद यहां के बारे में ये बात प्रचलित हो गई कि यहां कभी भी जाना खतरे से खाली नहीं है और जाने-अनजाने अनिष्ट को चुनौती देना है।
20. डुमस बीच - सूरत - गुजरात (Dumas Beach - Surat - Gujrat ) :
गुजरात के सूरत स्थित डुमस बीच किसी जमाने में हिन्दुओ अंतिम संस्कार की जगह हुआ करता था। यह जगह अपनी काली रेत लिए काफी प्रसिद्ध है। गुजरात का डुमस बीच एक ज़माने में भुतहा जगह के रूप में प्रसिद्ध था। माना जाता है कि लोग यहां से रहस्मयी तरीके से गायब हो जाते थे और कभी नहीं मिलतेथे।गुजरात के डुमस बीच पर आज भी लोगों को चिल्लाने और बातें करने की अजीबोगरीब आवाजें आती हैं। ऐसा भी कहा जाता है की इस बीच पर रात को कुत्ते बहुत ही अजीब व्यवहार करते है। बीच के पास ही भगवान गणेश का मंदिर है।
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