Monday 9 June 2014

Top Most Haunted Places In India - 1 to 10 (टॉप मोस्ट हॉन्टेड प्लेस इन इंडिया - एक से दस)

हमारे बहुत से ब्लॉग रीडर्स का आग्रह था की हम भारत के टॉप हॉन्टेड प्लेसेस के ऊपर एक विस्तृत लेख लिखे। जब हमने ऐसी जगहों के बारे में जानकारी इकठ्ठी करी तो हमारी लिस्ट में 50 से ज्यादा नाम जुड़ गए। अब इन सब पर एक साथ तो आर्टिकल लिखना संभव नहीं है।  इसलिए हम आपको 10 - 10 के टुकड़ो में जानकारी उपलब्ध करा रहे है ।  तो आज इस सीरीज़ की पहली किश्त में पढ़े भारत की 10 मुख्य भुतहा जगहों के बारे में :-

1. भानगढ़ का किला - अलवर - राजस्थान (Bhangarh Fort - Alwar - Rajasthan) :


Bhangarh Fort - Alwar - Rajasthan
Image credit Wikipedia 
भानगढ़ फोर्ट, राजस्थान के अलवर जिले में स्तिथ है। यह भारत का टॉप मोस्ट हॉन्टेड प्लेस है। इसे आम बोलचाल की भाषा में भूतो का भानगढ़ कहा जाता है।  भानगढ़ कि कहानी बड़ी ही रोचक है 16 वि शताब्दी में भानगढ़ बसता है।  300 सालो तक  भानगढ़ खूब फलता फूलता है।  फिर यहाँ कि एक सुन्दर राजकुमारी  पर काले जादू में महारथ तांत्रिक सिंधु सेवड़ा आसक्त हो जाता है। वो राजकुमारी  को वश में करने लिए काला जादू करता है पर खुद ही उसका शिकार हो कर मर जाता है पर मरने से पहले भानगढ़ को बर्बादी का श्राप दे जाता है और संयोग से उसके एक महीने बाद ही पड़ौसी राज्य अजबगढ़ से लड़ाई में राजकुमारी सहित सारे भानगढ़ वासी मारे जाते है और भानगढ़  वीरान हो जाता है। तब से वीरान हुआ भानगढ आज तक वीरान है और कहते है कि उस लड़ाई में मारे गए लोगो के भूत आज भी रात को भानगढ़ के किले में भटकते है।क्योकि तांत्रिक के श्राप के कारण उन सब कि मुक्ति नहीं हो पाई थी। यह जगह अब पुरात्तव विभाग अधीन है और उन्होंने सूर्यास्त के बाद इसे किले में नहीं रुकने की सख्त हिदायत दे रखी है।
भानगढ़, तांत्रिक सिंधु सेवदा और राजकुमारी रत्‍नावती की पूरी कहानी यहाँ पढ़े   Link 


2. कुलधरा गाँव - जैसलमेर - राजस्थान ( Kuldhara Village - Jaisalmer - Rajasthan) :

Haunted  Village Kuldhara

इस सूचि में हमने दूसरे नंबर पर रखा है राजस्थान के जैसलमेर जिले के कुलधरा गाँव को जो की पिछले 170 सालों से वीरान पड़ा हैं। कुलधरा गाँव पालीवाल ब्राहम्णो का गाँव था।  कुलधरा गाँव के हज़ारों लोग अपने गाँव की एक लड़की को अय्याश दीवान सालम सिंह से बचाने के लिए, एक ही रात मे इस गांव को खाली कर के चले गए थे  और जाते जाते श्राप दे गए थे कि यहाँ फिर कभी कोई नहीं बस पायेगा। तब से गाँव वीरान पड़ा हैं। कहा जाता है कि यह गांव रूहानी ताकतों के कब्जे में हैं, कभी एक हंसता खेलता यह गांव आज एक खंडहर में तब्दील हो चुका है| टूरिस्ट प्लेस में बदल चुके कुलधरा गांव में घूमने आने वालों के मुताबिक यहां रहने वाले पालीवाल ब्राह्मणों की आहट आज भी सुनाई देती है। उन्हें वहां हरपल ऐसा अनुभव होता है कि कोई आसपास चल रहा है। बाजार के चहल-पहल की आवाजें आती हैं, महिलाओं के बात करने उनकी चूडिय़ों और पायलों की आवाज हमेशा ही वहां के माहौल को भयावह बनाते हैं। प्रशासन ने इस गांव की सरहद पर एक फाटक बनवा दिया है जिसके पार दिन में तो सैलानी घूमने आते रहते हैं लेकिन रात में इस फाटक को पार करने की कोई हिम्मत नहीं करता हैं। मई 2013 मे दिल्ली से आई भूत प्रेत व आत्माओं पर रिसर्च करने वाली पेरानार्मल सोसायटी की टीम ने कुलधरा गाँव में रात बिताई और यहाँ पर पारलौकिक गतिविधिया रिकॉर्ड की।
कुलधरा गाँव और दीवान सालम सिंह की पूरी कहानी यहाँ पढ़े  Link



 3. लाम्‍बी देहर माइंस, मसूरी (Lambi Dehar Mines) :
Lambi Dehar Mines
Image Credit    wonderwoman.intoday.in
लाम्‍बी देहर माइंस, मसूरी के बाहरी इलाके में स्तिथ है। 1990 से पहले यहाँ पर लाइमस्टोन का खनन किया जाता था। उस वक़्त यहाँ पर करीब 50000 मजदुर काम करते थे। लाइम (चुना) हमारे शरीर में जाकर फेफड़ों में जम जाता है और फेफड़ो को पत्थर में बदल देता है जिससे की इंसान को खुनी खासी (Bloody Cough) हो जाती जिससे उसकी दर्दनाक मौत होती है। इससे बचने के लिए लाइमस्टोन माइंस के लिए कई सुरक्षा नियम बने हुए है पर लाम्‍बी देहर माइंस में इस तरह के किसी भी नियम का पालन नहीं होता था नतीज़न वहा पर बड़ी संख्या में मजदुर इस बिमारी से मरने लगे। इसके अलावा उन दिनों सुरक्षा नियमो की पालना के अभाव में, उस माइंस में काम पर लगे ट्रको के पहाड़ी से गिरने की भी कई घटनाएं हुई। फलस्वरूप सरकार ने सुरक्षा नियमो की अनदेखी के कारण इस माइंस को हमेशा के लिए बंद करवा दिया। तब से यह जगह वीरान पड़ी है।  जहाँ कभी 50000 मजदूरो की आबादी थी वहा पर अब मुश्किल से 1000 लोग रहते है।  खाली पड़ी माइंस एयर घरों में बड़े बड़े पेड़ उग आये है। स्थनीय लोगो के अनुसार खाली पड़ी माइंस और घर अब आत्माओ का ठिकाना है। यहाँ पर रात को लोगो के बाते करने की आवाज़े सुनाई देती है। एक और बात जो इस जगह को भयानक बनाती है वो है चलती हुई कार, बस, ट्रको का अचानक सड़क से उत्तर जाना जिससे की कई बार गंभीर हादसे भी हो जाते है।  यहाँ तक की यह पर एक हेलीकॉप्टर रहस्यमयी तरीके से क्रेश भी हो चुका है।  यह सभी बाते मिलकर इस जगह को भारत की मोस्ट हॉन्टेड प्लेस की लिस्ट में स्थान दिलाती है। 
4. थ्री किंग्स चर्च - वेलसाओ - गोवा   (3 Kings Church - Velsao - Goa)  :
3 Kings Church - Velsao - Goa
Image Credit     Miki-Goa 
कहते है की गोवा के किंग्स चर्च में तीन पुर्तगाली राजाओ की आत्मा भटकती है  और कई बार चर्च में आए लोगों को इनकी मौजूदगी का एहसास भी होता है। यहां के लोगों का कहना है की किसी समय यहां तीन पुर्तगाली राजा हुआ करते थे। इनमें वर्चस्व को लेकर अक्सर लड़ाई होती रहती थी। एक बार होल्गेर नाम के एक राजा ने अन्य दोनों राजाओं को इस चर्च में आमंत्रित किया और धोखे से जहर देकर मार दिया। जब लोगों को होल्गेर की इस करतूत का पता चला तो उन्होंने इसके महल को घेर लिया। जनता के आक्रोश को देखकर तीसरे राजा ने आत्महत्या कर ली। तीनों राजाओं के शव को इसी चर्च में दफना दिया गया। इसके बाद से ही इस चर्च में भूतों का निवास माना जाता है।
5. जमाली-कमाली मस्जिद और कब्र - महरौली, देल्ही  (Jamali Kamali Mosque and Tomb -  Mehrauli, Delhi )

जमाली-कमाली मस्जिद और कब्र - महरौली, देल्ही
Iamge Credit Wikipedia 
यह मस्जिद दिल्ली के महरौली में स्थित है। यहां सोलवहीं शताब्दी के सूफी संत जमाली और कमाली की कब्र मौजूद है। इस जगह के बारे में लोगों का विश्वास है कि यहां जिन्न रहते हैं। कई लोगों को इस जगह पर डरावने अनुभव हुए हैं। सूफी संत जमाली लोधी हुकूमत के राज कवि थे। इसके बाद बाबर और उनके बेटे हुमायूं के राज तक जमाली को काफी तवज्जो दी गई। माना जाता है कि जमाली के मकबरे का निर्माण हुमायूं के राज के दौरान पूरा किया गया। मकबरे में दो संगमरमर की कब्र हैं, एक जमाली की और दूसरी कमाली की। जमाली कमाली मस्जिद का निर्माण 1528-29 में किया गया था। यह मस्जिद लाल पत्थर और संगमरमर से बनी है।

6.  अग्रसेन की बावड़ी - कनाट प्लेस - दिल्ली (Agrasen ki baoli - Connaught Place - Delhi ) :

अग्रसेन की बावड़ी - कनाट प्लेस - दिल्ली
Image Credit     Wikipedia 
अग्रसेन की बावड़ी राजधानी दिल्ली में कनाट प्लेस से थोड़ी ही दुरी पर स्थित है। महाराजा अग्रसेन ने चौदवहीं शताब्दी में इस बावड़ी का निर्माण करवाया था। इसकी लंबाई 60 मीटर और चौड़ाई 15 मीटर है। इस प्राचीन स्मारक को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का संरक्षण प्राप्त है। किसी ज़माने में यह हमेशा पानी से भरी रहती थी, लेकिन अब यह सूख चुकी है। इसके बारे में प्रचलित है कि इसका काला पानी लोगों को सम्मोहित कर आत्महत्या के लिए उकसाता था। इसके तल तक पहुंचने के लिए 106 सीढियां उतरनी पड़ती हैं। एएसआई के अधीन होने के बावजूद लोगो को इसके बारे में ज्यादा पता नही है यदि आप कनाट प्लेस जाकर भी किसी से इसके बारे में पूछेंगे तो वो अनभिज्ञता ज़ाहिर देंगे।
7. रामोजी फिल्‍म सिटी - हैदराबाद (Ramoji Film City - Hyderabad) :

Ramoji Film City - Hyderabad
Image Credit  Wikipedia
हैदराबाद स्थित विशाल रामोजी फिल्‍म सिटी का निर्माण उस जगह पर हुआ है जहाँ निज़ाम सुल्तानों ने इतिहास की कुछ क्रूरतम लड़ाईया लड़ी थी। इस फिल्म सिटी, खासकर फिल्म सिटी में स्तिथ होटलों को पारलौकिक गतिविधियों का केंद्र माना जाता है। यहाँ पर आए दिन कुछ ना कुछ ऐसा होता रहता है जो की पारलौकिक ताकतों का एहसास कराता है।  जैसे की शूटिंग के वक़्त लाइट का छत से गिर जाना, ऊपर बैठे लाइट मेन को अदृश्य ताकतों द्वारा नीचे गिरा देना (ऐसा कई बार हो चुका है और कई मौको पर तो लाइट मेन गंभीर से घायल हो चुके है ), होटल में छोड़े गए भोजन का वापस लौटने पर इधर उधर बिखरा मिलना, ड्रेसिंग के कांच पर उर्दू में कुछ अजीब सा लिखा हुआ मिलना। माना जाता है की यहां पर मरे हुए सैनिको की आत्माए भटकती है। एक अजीब बात यह है की ये आत्माए औरतो को ज्यादा परेशान करती है। जैसे की जब वो ड्रेसिंग रूम में होती है तो वह अजीब सी परछाई दिखाई देती है , जब वो नहाती है तो उनके बाथरूम बाहर से लॉक हो जाते है। इनसे छुटकारा पाने के कई उपाय किये जा चुके है पर अब तक कोई विशेष फायदा नहीं हुआ है।


8. डाउ हिल - कुर्शियांग, पश्‍चिम बंगाल  (Dow Hill, Kurseong, West Bengal) :

Dow Hill, Kurseong, West Bengal

कुर्शियांग, पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग जिले में स्तिथ एक हिल स्टेशन है। इसकी दार्जलिंग से दुरी 32 किलो मीटर है।  इसकी ऊँचाई 4864 फ़ीट है। कुर्शियांग का स्थानीय नाम खरसांग (Kharasang) है जिसका मतलब होता है 'सफेद आर्किड की भूमि'। कुर्शियांग मुख्यतः अपने बोर्डिंग स्कूलों और पर्यटन के लिए जाना जाता है। पर कुर्शियांग से लगती डाउ हिल से एक मिस्ट्री जुडी हुई है जो की इसे भारत के टॉप मोस्ट हॉन्टेड प्लेस की लिस्ट में शामिल कराती है। डाउ हिल के जंगलों में बड़ी संख्या में आत्म हत्याएं हुई है। इस जंगल में इधर उधर इंसानो की हड्डियां दिखाई दे जाना आम बात है। इसलिए यहाँ के वातावरण में अजीब सी सिरहन और दर महसूस किया जाता है। इसके अलावा यहाँ के स्थानीय लोगो का कहना है कि दिसंबर से मार्च तक की छुट्टियों के दौरान उन्हें विक्टोरिया बॉयज स्कूल में पैरों कि आहट सुनाई देती है। एक लकड़हारे का तो यहाँ तक कहना है की उसने जंगल में एक युवा लड़के की सर कटी लाश को चलते हुए देखा है जो की कुछ दूर जाकर पेड़ों में गायब हो गई। वैसे यह सर कटी लाश वाली बात काल्पनिक ज्यादा लगती है लेकिन डाउ हिल के जंगलो में जाने वाला कोई भी शख्स इस बात से इंकार नहीं करता की ये जगह हॉन्टेड हो या न हो पर डरावनी बहुत है।


9. बृज राज भवन पैलेस - कोटा, राजस्‍थान (Brij Raj Bhawan Palace - Kota, Rajasthan) :

Brij Raj Bhawan Palace - Kota, Rajasthan
Image credit    Insights2india
इस भवन में 1857 के विद्रोह में ब्रिटिश रेजिडेंट मेजर चार्ल्स बुटेन की विद्रोहियों ने हत्या कर दी थी। कहा जाता है तब से मेजर की आत्मा इसी महल में भटक रही है। खुद कोटा की पूर्व महारानी का कहना है कि उन्होंने 1980 में मेजर को हॉल में देखा था जहा कि उसे मारा गया था। उस समय महारानी उस हॉल को अपने ड्राइंग रूम के रूप में काम लेती थी। वर्तमान में यह एक हैरिटेज होटल में तब्दील हो चुका है।  कई पर्यटकों व कर्मचारियों ने भी मेजर के भूत को इस महल में भटकते देखा है। हालांकि यह आत्मा किसी को नुकसान नहीं पहुचाती है। इस मेजर की आत्मा को सिर्फ एक चीज बुरी लगती है वह है ड्यूटी के समय चौकीदार और हाउस कीपर का सोना। बृजराज भवन पैलेस में भटकती हुई आत्मा जब भी इन्हें ड्यूटी पर सोते अथवा धूम्रपान करते हुए देखती है एक जोरदार थप्पड़ लगाती है।

10. बड़ोग सुरंग नं : 33 - शिमला, हिमाचल प्रदेश   (Barog Tunnel No : 33 - Shimla, Himachal Pradesh) :

Notice board at Barog cunnel 33, Shimla
Image credit  Wikipedia 
इस सुरंग का निर्माण एक अंग्रेज़ इंजीनियर बड़ोग ने करवाया था। इसलिए इसे बड़ोग सुरंग भी कहते है। बड़ोग सुरंग के साथ एक दर्द भरी कहानी  जुड़ी है। कहते हैं कि इस सुरंग को बनाने वाले  अंग्रेज इंचार्ज बड़ोग ने एक बड़ी भूल यह करदी कि एक ही बार में दोनों ओर से सुरंग बनाने का कार्य शुरू कर दिया। अंदाजे की भूल से सुरंग के दोनों छोर मिल नहीं पाए जिसके कारण उन पर एक रुपये जुरमाना किया गया। कहते हैं कि अपनी इस चूक से वह इतने अधिक दुखी हुए कि उन्होंने एक दिन अपने कुत्ते के साथ सैर पर जाते हुए स्वयं को गोली मार कर आत्म ह्त्या कर ली।  कहते है की आज भी इसमें उस अंग्रेज इंजीनियर की रूह भटकती है।
हालांकि इस रूह को फ्रेंडली माना जाता है। 

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