मैक्सको सिटी से 17 मील साउथ में Xochimilco canals में एक छोटा सा आइलैंड है जिसका नाम “La Isla de la Munecas” है पर अब यह डॉल्स आइलैंड (The Island Of dolls) के नाम से जाना जाता है। वास्तव में यह आइलैंड एक फलोटिंग गार्डन (तैरता हुआ बगीचा) है जिसे कि मेक्सिको में चिनमपा ( Chinampa ) कहते है। इस आइलैंड कि खासियत यह है कि इस आइलैंड पर सैकड़ों कि संख्या में डरावनी और टूटी फूटी डॉल्स लटकी हुई है।
यह आइलैंड 1990 में लोगो कि नज़र में आया जब मेक्सिको सरकार ने Xochimilco canals कि सफाई का काम शुरू किया और कुछ कर्मचारी सफाई करते हुए इस आइलैंड पहुचे। अब बात यह आती है कि इतनी सारी डॉल्स इस आइलैंड पर पहुची कैसे, उन्हें यहाँ पर किसने लटकाया और इसके पीछे कारण क्या है ? इसकी कहानी भी बड़ी रौचक (इंटरेस्टिंग) है।
डॉल्स आइलैंड कि कहानी (Story of Dolls Island) :-
इस डॉल्स आइलैंड कि कहानी शुरू होती है एक शख्स से जिसका नाम सैन्टाना बर्रेरा (Santana Barrera) था। सैन्टाना इस आइलैंड पर रहने वाले इकलौते शख्स थे । सैन्टाना अपना घर परिवार छोड़कर एकाकी जीवन बिताने के लिए इस आइलैंड पर आये थे। उनके इस आइलैंड पर आने के कुछ दिन बाद इस आइलैंड के किनारे पर एक बच्ची कि डूबने से मौत हो जाती है जो कि वहां अपने परिवार के साथ घूमने आयी थी। उसकी मृत्यु के कुछ दिन बाद सैन्टाना को उसी जगह पर पानी में तैरती हुई एक डॉल मिलती है जहा कि उस बच्ची कि डूब कर मृत्यु हुई थी। सैन्टाना उस डॉल को निकालते है ना जाने क्यों उन्हें ऐसा यकीं होता है कि उस डॉल में उस लड़की कि आत्मा है और यदि वो इसे अपने आइलैंड पर लटका देंगे तो वो आत्मा उन्हें परेशान नहीं करेगी। इसलिय वो उस डॉल को वापस नहीं फेकते है और उसे एक पेड़ पर टांग देते है। इसके बाद जब भी उन्हें उस आइलैंड के आस पास कोई भी डॉल मिलती है वो उसे निकालकर अपने आइलैंड पर लटका देते। धीरे धीरे यह संख्या बढ़कर सैकड़ों में पहुंच गयी। 1990 में Xochimilco canals कि सफाई के वक़्त यह आइलैंड लोगो कि नज़र में आया, मीडिया में इसकी बाते हुई और लोगो का इस पर आना जाना शुरू हुआ।
इस डॉल्स आइलैंड कि कहानी शुरू होती है एक शख्स से जिसका नाम सैन्टाना बर्रेरा (Santana Barrera) था। सैन्टाना इस आइलैंड पर रहने वाले इकलौते शख्स थे । सैन्टाना अपना घर परिवार छोड़कर एकाकी जीवन बिताने के लिए इस आइलैंड पर आये थे। उनके इस आइलैंड पर आने के कुछ दिन बाद इस आइलैंड के किनारे पर एक बच्ची कि डूबने से मौत हो जाती है जो कि वहां अपने परिवार के साथ घूमने आयी थी। उसकी मृत्यु के कुछ दिन बाद सैन्टाना को उसी जगह पर पानी में तैरती हुई एक डॉल मिलती है जहा कि उस बच्ची कि डूब कर मृत्यु हुई थी। सैन्टाना उस डॉल को निकालते है ना जाने क्यों उन्हें ऐसा यकीं होता है कि उस डॉल में उस लड़की कि आत्मा है और यदि वो इसे अपने आइलैंड पर लटका देंगे तो वो आत्मा उन्हें परेशान नहीं करेगी। इसलिय वो उस डॉल को वापस नहीं फेकते है और उसे एक पेड़ पर टांग देते है। इसके बाद जब भी उन्हें उस आइलैंड के आस पास कोई भी डॉल मिलती है वो उसे निकालकर अपने आइलैंड पर लटका देते। धीरे धीरे यह संख्या बढ़कर सैकड़ों में पहुंच गयी। 1990 में Xochimilco canals कि सफाई के वक़्त यह आइलैंड लोगो कि नज़र में आया, मीडिया में इसकी बाते हुई और लोगो का इस पर आना जाना शुरू हुआ।
सैन्टाना बर्रेरा (Santana Barrera) कि रहस्यमयी मौत :-
सन 2001 में सैन्टाना बर्रेरा (Santana Barrera) भी उसी जगह पानी में डूबे हुए मृत पाये गए जहा कि वो बच्ची डूब के मरी थी। उनकी मौत कैसे हुई यह आज तक भी एक रहस्य है क्योकि रात को उस आइलैंड पर वह अकेले ही रहते थे। पर चुकी उनकी लाश उसी जगह मिली जहा कि बच्ची डूब के मरी थी इसलिए लोग ऐसा कहने लगे कि बच्ची कि आत्मा ही उनकी मृत्यु का कारण है।
अब डॉल्स आइलैंड एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन चूका है लोग यहाँ पर घूमने आते है पर रात को यह आइलैंड वीरान ही रहता है रात को आइलैंड पर केवल डॉल्स का राज़ रहता है।
सन 2001 में सैन्टाना बर्रेरा (Santana Barrera) भी उसी जगह पानी में डूबे हुए मृत पाये गए जहा कि वो बच्ची डूब के मरी थी। उनकी मौत कैसे हुई यह आज तक भी एक रहस्य है क्योकि रात को उस आइलैंड पर वह अकेले ही रहते थे। पर चुकी उनकी लाश उसी जगह मिली जहा कि बच्ची डूब के मरी थी इसलिए लोग ऐसा कहने लगे कि बच्ची कि आत्मा ही उनकी मृत्यु का कारण है।
अब डॉल्स आइलैंड एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन चूका है लोग यहाँ पर घूमने आते है पर रात को यह आइलैंड वीरान ही रहता है रात को आइलैंड पर केवल डॉल्स का राज़ रहता है।
No comments:
Post a Comment