Saturday, 14 June 2014

गुलाबी मस्जिद - ईरान - सूरज की पहली किरण पड़ते ही अंदर होता है जन्नत का नज़ारा

दुनिया में ऐसी बहुत सी इमारते है जो की अपनी कारीगरी, चित्रकारी और वास्तु शिल्प के लिए दुनिया भर में मशहूर है। ऐसी ही एक इमारत है ईरान के शिराज़ प्रांत में स्थित 'नासिर अल-मुल्क मस्जिद'।  बाहर से देखने पर तो यह मस्जिद, एक साधारण मस्जिद जैसी ही दिखाई देती है।


Image Credit Macro Antonini

लेकिन इस मस्जिद के वास्तुकारों ने इस मस्जिद को ऐसे बनाया है की जैसे ही उगते हुए सूरज की किरणे इस पर पड़ती है , अंदर जन्नत का सा नज़ारा प्रकट होता है।


Image Credit  Abbas Arabzadeh

एक ऐसा नज़ारा जिसे शब्दों में प्रकट करना मुमकिन नहीं है, जिसकी भव्यता को केवल देख कर ही महसुस किया जा सकता है।



एक ऐसा नज़ारा जहाँ , चाहे आप कितने ही नास्तिक क्यों ना हो, आपके  हाथ अपने आप खुदा की इबादत में उठ जाते है।


Image Credit Dav Wong 

ऐसा इसलिए होता है क्योकि इस मस्जिद के सामने वाले हिस्से में रंगीन काचों की जड़ाई का काम हुआ है। जब उगते हुए सूर्य की किरने इन काचो से छनकर अंदर मस्जिद के फर्श पर बिछे पर्शियन कारपेट पर पड़ती है तो मस्जिद के अंदर तिलिस्म सा उतपन्न होता है। यह नज़ारा मस्जिद में सुबह के कुछ घंटे ही रहता है।

इस मस्जिद की एक और खासियत इसकी दीवारो, गुम्बदों, और छतो पर हुई वि रंगीन चित्रकारी है जिसमे की गुलाबी रंग का अधिकता से प्रयोग किया गया है इसलिए इसे गुलाबी मस्जिद भी कहा जाता है।



Image Credit Spritiual Colour No. 3
नासिर अल मुल्क मस्जिद ईरान के शिराज प्रांत में है। नासिर अल मुल्क मस्जिद का निर्माण ईरान के शासक मिर्जा हसन अली नासिर अल मुल्क ने करवाया था। मिर्जा यहां के कजर वंश के राजा थे। यह मस्जिद सन् 1876 से 1888 के बीच बनी थी। मस्जिद का डिजाइन मोहम्मद हसन ए मिमार और मोहम्मद रजा ने बनाया था।


Image Credit Amin Abedini 



Image Credit Sebekkare 

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