Sunday, 6 July 2014

घोस्ट हंटिंग (भूतों का शिकार) और पैरानॉर्मल एक्टिविटीज कि रिसर्च में काम आने वाले उपकरण और गैजेट्स

भूत होते है या नहीं ये सदा से ही एक बहस का मुद्दा रहा है।  भूत - प्रेतों पर विश्वास और अविश्वास करने वाले इस बारे में अपने अपने तर्क देते है।  हम इन पर विश्वास करे या ना करे पर हर धर्म में  और हर सभ्यता में पारलौकिक ताकतों का वर्णन है। विशव के कई देशों में भूतों को पकड़ने और पारलौकिक ताकतों पर रिसर्च करने के लिए अनेक संस्थाए है।  हमारे भारत में भी ऐसे कई इंस्टिट्यूट है जिनमे से Team Pentacle एक है, जिसने हाल ही में गोवा के भुतिहा बंगलों में न सिर्फ पारलौकिक ताकतों को कैमरे में कैद किया बल्कि उनकी आवाज़े भी रिकॉर्ड कि। इस काम के लिए ये इंस्टिट्यूट अत्याधुनिक उपकरण और गैजेट काम में लेते है।  आज हम आपको कुछ ऐसे ही गैजेट्स के बारे में बता रहे है। हालांकि, ये पूरी तरह से सही साबित नहीं होते फिर भी किसी अजीबोगरीब हरकत का पता आसानी से लगाया जा सकता है।

EMF meter :-
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड्स का पता लगाने के लिए इस गैजेट का इस्तेमाल होता है। इस मीटर में कई नंबर दिखाई देते हैं। इन नंबरर्स के आधार पर ये तय किया जाता है कि आस-पास कोई पारलौकिक शक्ति है या नहीं।



नहीं होता पूरी तरह सही-
EMF मीटर के रिजल्ट को पूरी तरह से सही नहीं माना जा सकता है। किसी भी बिल्डिंग में मौजूद वाइरिंग, पावर सोर्स और बाकी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक गैजेट्स के कारण EMF मीटर की रीडिंग बदल सकती है।
Thermal scanner :-
रिसर्च से ये पता चला है कि पारलौकिक शक्तियां जहां होती हैं वहां ठंड ज्यादा होती है। थर्मल स्कैनर किसी भी जगह के टेम्प्रेचर को रिकॉर्ड करने के लिए बनाया गया डिवाइस है। इस गैजेट को इंप्रारेड थर्मामीटर (IR मीटर  भी कहा जाता है।


कैसे करता है काम-
इस स्कैनर के द्वारा एक इंफ्रारेड बीम निकलती है। इस बीम की मदद से थोड़ी दूरी से भी किसी जगह के टेम्प्रेचर का पता लगाया जा सकता है। कुछ डुअर IR मीटर दूर की जगह और पास की जगह दोनों का टेम्प्रेचर रिकॉर्ड कर सकते हैं। इस गैजेट को भी पूरी तरह से सही नहीं कहा जा सकता है। हमेशा ठंडा इलाका होने से ये नहीं कहा जा सकता है कि वहां भूत हो।
Motion sensor :-
किसी ऐसी चीज को पकड़ना लगभग नामुमकिन है जिसे आप देख नहीं सकते हैं। इसलिए किसी भी अजीब मूवमेंट का पता लगाने के लिए मोशन डिटेक्टर का इस्तेमाल किया जाता है। ये गैजेट्स होम सिक्युरिटी के लिए भी इस्तेमाल किए जाते हैं।



कैसे करते हैं काम-
असल में मोशन सेंसर हीट सिग्नल का पता लगाते हैं। जब भी कोई चीज मोशन सेंसर की कवरेज फील्ड में आती है उसका पता लगाने के लिए मोशन सेंसर हीट सिग्नल्स का पता लगाते हैं। इन गैजेट्स में पहले से ही टेम्प्रेचर डिफाइन रहता है और जैसे ही कोई चीज निर्धारित टेम्प्रेचर के ऊपर जाती है मोशन सेंसर उसे रिकॉर्ड कर लेता है।
Spectrum Light Torch :-
अंधेरे में किसी भी चीज को देख पाना मुश्किल होता है। स्पेक्ट्रम लाइट एक अलग तरह की अल्ट्रा-वॉयलेट लाइट होती है जो कलर मैचिंग के लिए इस्तेमाल की जाती है। कई बार जानवरों और मछलियों के लिए इस लाइट को जू और एक्वेरियम में लगाया जाता है।



स्पेक्ट्रम लाइट टॉर्च को किसी भी कैमकॉडर, ट्राइपॉड या स्पेक्ट्रम कैमरे के साथ अटैच किया जा सकता है। इसमें अलग-अलग LED लाइट लगी होती हैं जो बहुत रौशनी पैदा करती हैं।
Digital recorder :-
कई बार लोगों का दावा होता है कि उन्होंने कोई अजीब आवाज सुनी है। ऐसे किसी भी दावे का पता लगाने के लिए एक डिजिटल रिकॉर्डर होना जरूरी है। डिजिटल रिकॉर्डर लो-पिच साउंड को भी रिकॉर्ड करता है। बैटरी से काम करने वाला यह गैजेट कई बार धीमी से धीमी आवाज भी ट्रैक कर लेता है।



कैसे करता है काम-
डिजिटल रिकॉर्डर में आवाज रिकॉर्ड होकर सीधे मेमोरी कार्ड में सेव हो जाती है। यह एनालॉग सिग्नल को पकड़ने के लिए बनाया गया गैजेट है। इसपर ऑडियो रिकॉर्डिंग का सैम्पल रेट 44.1 kHz होता है।
Air Ion Counter :-
यह उपकरण हवा में पॉज़िटिव और नेगेटिव आयन को नापने के काम आता है।  ऐसा माना जाता है कि जहाँ भूत या पारलौकिक शक्तिया होती है वहाँ बहुत अधिक पॉज़िटिव आयन्स होते है क्योकि भूत या पारलौकिक शक्तिया बहुत अधिक मात्रा में विधुत चुम्बकीय तरंगे डिस्चार्ज करती है


Barometer :-
बहुत से घोस्ट हंटर का मानना  है कि पैरानॉर्मल एक्टिविटीज वहाँ के बरोमेटिक प्रेशर को प्रभावित करती है। बैरोमीटर का प्रयोग किसी स्थान के बरोमेट्रिक प्रेशर में आये बदलाव का पता लगाने में किया जाता है।


Full Spectrum Camera :-
घोस्ट हंटिंग के लिए फुल स्पेक्ट्रम कैमरा सबसे उपयुक्त होता है क्योकि फुल स्पेक्ट्रम कैमरे उन चीज़ों कि भी तस्वीर उतार लेते है जिन्हे कि हम अपनी आँखों से नहीं देख पाते है।


इन के अलावा और भी कई उपकरण काम में लिए जाते है और सब उपकरणों से प्राप्त रिज़ल्ट का अध्यन करके किसी अंतिम निस्कर्ष पर पंहुचा जाता है।
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