इस संसार में कुछ ऐसे भी चर्च है जहा पर हज़ारो लोगो की हड्डियों और कंकालों को सहज कर रखा गया है। यह जगह ऑस्युअरी (Ossuary ) कहलाती है। सबसे पहले यहां शवों की अस्थाई रूप से कब्र बनाई जाती है। बाद में कुछ सालों बाद उसकी हड्डियां निकाल कर यहां चर्च में ऑस्युअरी में रखी जाती हैं।
हम इन Ossuaries पर एक सीरीज प्रकाशित कर रहे है इस कड़ी में हम आपको आज सेडलेक ऑस्युअरी ( Sedlec Ossuary ) के बारे में बता रहे है।
हम इन Ossuaries पर एक सीरीज प्रकाशित कर रहे है इस कड़ी में हम आपको आज सेडलेक ऑस्युअरी ( Sedlec Ossuary ) के बारे में बता रहे है।
Sedlec Ossuary चेक गणराज्य में स्थित है। इसमें करीब 40 हजार लोगों की हड्डियों को कलात्मक रूप से सजा रखा है।
History of Sedlec Ossuary (सेडलेक ऑस्युअरी का इतिहास)
इसकी कहानी शुरू होती है 13 वि शताब्दी से, जब यहाँ के एक संत हेनरी को पवित्र भूमि, Palestina भेजा गया था। 1278 में जब हेनरी वहा से वापस आया तो अपने साथ उस जगह की मिट्टी का एक भरा हुआ जार लाया, जहा की प्रभु यीशु को सूली पे चढ़ाया गया था। उसने वो मिटटी यहाँ ला कर एक कब्रिस्तान के उपार डाल दी। उसके बाद वो जगह लोगो को दफ़नाने की पसंदीदा जगह बन गयी।
एक झील जिसमे जो गया वो बन गया पत्थर
14 वि और 15 वि शताब्दी में यहाँ प्लेग और युद्धों के कारण बहुत अधिक मौते हुई। और उनमे से अधिकतर को Sedlec में ही दफ़न कर दिया गया। इस तरह यहाँ कुछ ही समय में बहुत ही अधिक लोगो को दफना दिया गया जिसे की कब्रिस्तान में जगह ही नहीं बची।
तब यहाँ पर एक Ossuary बनाने का ख्याल आया। तब यह कार्य वह के संतो को सौप दिया जो की कब्र में से हड्डियों को निकाल कर Ossuary में रख देते। पर 1870 में करीब 40000 लोगो की इन हड्डियो को कलात्मक रूप से सजाया गया यह काम Frantisek Rind ने किया था।
शीघ्र ही यह चर्च अपनी खूबसूरती के लिए प्रशिद्ध हो गया। इसे लोग the Church of Bones के नाम से जानने लगे। आज हर साल इस चर्च को देखने दुनिया भर से 2 लाख से ज्यादा लोग आते है।
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